वनिता को प्रोत्साहित करें और मार्गदर्शन दें

वनिता नवोदय विद्यालय बिलासपुर की एक मेधावी छात्रा है हिन्दी लेखन पर एक कार्यशाला के सिलसिले में मैं जब वनिता से मिला तो उसकी लेखनी में मुझे संभावनाएं नज़र आई। इस छात्रा के प्रोत्साहन हेतु मैंने उसे अपनी लेखनी को ब्लॉग के ज़रिये प्रकाशित करने की सलाह दी और मुझे उम्मीद है कि इस छात्रा को आप सभी मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देंगे और वनिता की प्रतिभा में निखार आता रहेगा। :- प्रकाश बादल

Sunday, November 22, 2009

आतंकवाद

ससद पर हुए आतंकी हमले
फिर भी सूखे नहीं भाईचारे के गमले
आतंकियों का मचा घमासान
एकजुट हो गए हिन्दू-मुसलमान
ओ सुन आतंकवाद
पाकिस्तान की औलाद
तू क्या समझता है
भारत को चाट जाएगा
पानी भी नसीब नहीं होगा।
जिस दिन भारत पर उँगली उठाएगा।
वक्त रहते गर तू न सुधरा तो,
जिस कोख़ में तू पल रहा है
उसे बांझ कर दिया जाएगा
ओ आँख से अंधे कुएँ
अमेरिका के पिस्सू
पाल रहा तालिंबानी जूएँ
आँखे खोल कर देख
बेगुनाहों का खून
तेरी बंदूक से निकल रहा है
आतंकवाद तेरी कोख में पल रहा है
तू गर न सुधरा तो भस्मासुर तुझे खा जाएगा
बस सबूत माँगता रह जाएगा।